डॉक्टर-नर्स पर हमला ग़ैरज़मानती अपराध : 7 साल , 5 लाख तक का जुर्माना भी
काेराेना वायरस संक्रमिताें के उपचार में जुटे डाॅक्टराें, नर्साें तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियाें पर हमला करने वालाें काे 7 साल तक की जेल तथा 5 लाख का जुर्माना भरना पड़ सकता है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार 23 अप्रैल काे डॉक्टरो पर हमले की घटनाओं का रोकने के लिए एक गैर जमानती अपराध बनाने वाले अध्यादेश काे मंजूरी दी। इसके जरिये 123 साल पुराने महामारी कानून में सख्त प्रावधान जाेड़े गए हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हाेते ही यह क़ानून लागू हाे जाएगा। इस फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि डॉक्टरों, नर्सों तथा हॉस्पिटल स्टाफ़ पर हो रहे हमलो को बर्दाश्त नहीं किया जाएंगा। स्वास्थ्यकर्मी बहुत समय से इस तरह के अध्यादेश की मांग कर रहे थे। इंडियन मेडिकल एसाेसिएशन (IMA) ने बुधवार शाम 23 अप्रैल कैंडल मार्च और गुरुवार काे काला दिवस मनाने की चेतावनी दी थी। बुधवार सुबह गृह मंत्री अमित शाह ने IMA के साथ एक बैठक में यह आश्वासन दिया कि डॉक्टरों तथा नर्सो की सुरक्षा तथा उनके सम्मान के साथ काेई समझौता नहीं किया जाएगा। इसके बाद IMA ने अपना विराेध प्रदर्शन वापस लेते हुए कहा कि इससे हमारे देश की एकता को लेकर दुनिया में बुरा संदेश जाएगा।
Discussed COVID-19 pandemic with Ireland’s PM, Mr. @LeoVaradkar. India and Ireland share similar approaches on many global issues. We will work together to further strengthen our partnership in health, science & technology, to jointly address challenges of the post-COVID world.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 22, 2020
- इस कानून के तहत आरोपी को ही अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी। इसके अतिरिक्त कानून में जांच एजेंसी को दोष साबित करना हाेता है।
- यह क़ानून जब तक महामारी धोषित रहेगी तब तक लागू रहेगा। अगर इसके बाद भी कोई राज्य अगर महामारी घोषित करती है तो भी यह क़ानून लागू माना जाएगा।
- अगर संपत्ति को नुकसान पहुँचाया तो होगी दोगुनी वसूली
पुलिस काे यह जाँच 30 दिन के अंदर पूरी करनी हाेगी
अध्यादेश के अनुसार, हमले की जांच पुलिस को 30 दिन के अंदर पूरी करनी हाेगी। हमलावराें काे 3 माह से 5 साल तक की सजा हो सकती है।इसके साथ ही, उनसे 50 हजार से 2 लाख रु. तक के जुर्माने की राशि भी वसूली जा सकती है। हमलावरों द्वारा गंभीर चोट के मामले में 6 माह से 7 साल तक की सजा तथा ऐसे मामलों में 1 लाख से 5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी वसूला जाएगा। स्वस्थकर्मी की क्लीनिक, गाड़ी या संपत्ति काे अगर नुक़सान पहुँचाया तो हमलावर से बाजार रेट से दोगुनी राशि वसूली जाएगी।
अगर कोई पड़ोसी या मकान मालिक स्वास्थ्यकर्मियाें की वजह से संक्रमण फैलने की शंका में अगर स्वास्थ्यकर्मी को परेशान करता है तो उन पर भी यह क़ानून लागू होगा। इस अध्यादेश के अनुसार स्वस्थ्यकर्मी पर अपराध संज्ञेय और गैर जमानती हाेगा।इसका मतलब यह की पुलिस हमले के आराेपी काे तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार कर सकती है और उसे इसकी जमानत सिर्फ अदालत से ही मिलेगी।
डाॅक्टर और नर्साें के साथ ही आशा वर्कर और पैरामेडिकल कर्मचारी भी इस अध्यादेश के दायर में आएंगे।