अगर कोरोना संक्रमण फैलने की स्पीड ऐसी ही रही तो दिल्ली में जुलाई की शुरुआत तक मुंबई से भी अधिक होंगे केस
- मुंबई की आबादी 1.25 करोड़ और दिल्ली की 1.68 करोड़
- हालांकि मुंबई में आबादी का घनत्व, दिल्ली से बहुत अधिक है
कोरोना संक्रमण का समय पर टेस्ट नहीं हो पाना या फिर इलाज के लिए अस्पताल में बेड नहीं मिल पाना, इसी तरह की कई घटनाएं बीते कुछ दिनों में दिल्ली और मुंबई से रिपोर्ट हुई हैं। ये दोनों महानगर दिल्ली और मुंबई ही देश में कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित हैं। ये घटनाएं उन हालात से मिलती हैं, जिनसे महामारी के सबसे अधिक खराब दौर में न्यूयॉर्क सिटी और इटली को गुजरना पड़ा था। लेकिन महत्वपूर्ण सवाल ये है कि दिल्ली और मुंबई में से कौन से महानगर में चीजें नियंत्रण में दिख रही हैं?
मुंबई की आबादी 1.25 करोड़ और दिल्ली की लगभग 1.68 करोड़ है। हालांकि मुंबई का जनसंख्या आबादी का घनत्व, राजधानी दिल्ली से बहुत अधिक है। मुंबई शहर दुनिया में दूसरा सबसे घनी आबादी वाला शहर है, यहाँ प्रति वर्ग किलोमीटर में लगभग 20,000 से भी अधिक लोग रहते हैं।वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, मुंबई शहर का 40% से भी अधिक हिस्सा मलिन बस्तियों में रहता है। ये किसी भी भारतीय शहर के लिए सबसे बड़ा बस्ती वाला इलाक़ा है।
ज़्यादातर उपायों से, ऐसा लगता है कि कोरोंना संक्रमण को लेकर मुंबई की स्थिति राजधानी दिल्ली की तुलना में ज़्यादा खराब है। मुंबई में राजधानी से लगभग 20,000 कोरोना संक्रमण के अधिक केस हैं। मुंबई की आबादी दिल्ली से कम होने के बावजूद भी यहां दिल्ली की तुलना में दोगुनी मौतें कोरोना संक्रमण से हुई हैं।
दिल्ली में मुंबई की तुलना में कोरोना के मामलों की संख्या ज़्यादा तेजी से बढ़ रही है
8 जून तक, मुंबई में 48,550 कोरोना संक्रमण केस रिपोर्ट हुए हैं। वहीं राजधानी दिल्ली में 8 जून तक 28,936 कोरोना के मामले सामने आए हैं। ऐसे में मुंबई के लिए हर 10 लाख आबादी पर लगभग 3,884 कोरोना के केस तथा देश की राजधानी दिल्ली के लिए लगभग 1,722 कोरोना संक्रमण के केस बैठते हैं। कोरोना संक्रमण से मुंबई में अबतक 1,636 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं दिल्ली में कोरोना से मौत का आंकड़ा 812 है।