दीर्घकालिक आधार पर किसी भी फसल की लाभप्रदता की भविष्यवाणी करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि यह कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे कि मौसम की स्थिति, बाजार की मांग और आपूर्ति, उत्पादन लागत और सरकारी नीतियां आदि।
हालांकि, सामान्य तौर पर, मिर्च एक उच्च मूल्य वाली फसल है और भारत दुनिया के सबसे बड़े मिर्च उत्पादक देशों में से एक है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में मिर्च का उत्पादन 2016-17 में 1,279 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 2019-20 में 1,614 हजार मीट्रिक टन हो गया।
इसके अलावा, मिर्च की मांग भी बढ़ रही है, न केवल घरेलू बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी। भारत अमेरिका, ब्रिटेन, मलेशिया और अन्य एशियाई और यूरोपीय देशों को मिर्च का निर्यात करता है।
इसलिए, यदि उचित फसल प्रबंधन प्रथाओं का पालन किया जाता है, तो मिर्च की फसल 2023 में फायदेमंद होने की क्षमता रखती है। हालांकि, फसल चयन के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले बाजार की मांग और आपूर्ति, बदलते मौसम के पैटर्न, सरकारी नीतियों और इनपुट की कीमतों जैसे अन्य कारकों पर विचार करना आवश्यक है।
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