फसलों में अनेक प्रकार के रस चूसने वाले कीटों का प्रभाव देखा जाता है, जिसे रोकने के लिए किसान तरह-तरह के कीटनाशको का उपयोग करते हैं, जिससे पर्यावरण और फसल दोनों को नुकसान पहुँचता है। ऐसी परिस्तिथि में चिपचिपे जाल के उपयोग से फसलों में रस चूसक कीटों द्वारा होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
केमिकल युक्त कीटनाशकों से कीट प्रभाव की रोकथाम में बहुत सी मुसीबतें सामने आती हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कृषि पर्यावरण को कई प्रकार के नुकसान होते हैं।
केमिकल युक्त कीटनाशकों के उपयोग के बजाय अगर किसान स्टिकी ट्रैप का उपयोग करे तो वह इन सभी समस्याओं से बच सकते हैं।
चिपचिपे जाल एक प्रकार की रंगीन शीट होती हैं जो कई अलग अलग रंगो में आती है, यह फसल को क्षति पहुंचाने वाले रस चूसक कीटों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए खेत में फ़सल के चारों ओर लगाई जाती है। जिससे फसलों पर नुक़सान करने वाले कीटों से फ़सल की सुरक्षा हो जाती है तथा इसे लगाने से खेत का मुआयना भी हो जाता है की फ़सल में किस -किस प्रकार के कीटों का प्रभाव चल रहा है।
इसके साथ ही इसकी लागत का कम होना, इसे लगाना भी आसान है, लगाने में समय तथा मेहनत की बचत, नियंत्रण भी कीटनाशक से बेहतर, रस चूसक कीटों से फ़सल की सुरक्षा के कारण फसल की गुणवत्ता तथा उपज में बड़ोतरी।
आख़िर किस प्रकार काम करता है स्टिकी ट्रैप
सभी कीट किसी न किसी विशेष प्रकार के रंग की ओर आकर्षित होते है। अब अगर उसी को ध्यान में रखते हुए उसी रंग की स्टिकी ट्रैप की शीट पर कोई चिपचिपा पदार्थ उस पर लगाकर फसल की ऊंचाई से लगभग एक फीट ऊंचाई पर इसे लगा दिया जाए तो कीट उस रंग से आकर्षित होकर इस स्टिकी ट्रैप की शीट पर चिपक जाएँगे। फिर यह आपकी फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाएँगे । किसानों के लिए लाभ कीटों का समय पर पता लगाने के लिए।
कीट प्रकोप के जोखिम को कम करने के लिए।
हॉट स्पॉट की पहचान करने के लिए।
छिड़काव के समय व्यवस्थित करने के लिए।