सोयाबीन में गर्डल बीटल कीट से होने वाले नुकसान एवं प्रबंधन!

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किसान भाइयों सोयाबीन की फसल में चक्र भृंग कीट या रिंग कटर से सोयाबीन फसलों में होने वाले नुकसान तथा उसकी रोकथाम के विषय में बात करेंगे:-

इन कीटों से होने वाले नुकसान:-

सबसे पहले मादा पौधे के तने या शाखा पर ये दो चक्र बनाती है| निचले चक्र के पास एक छेद बनाकर पौधे के अंदर एक हल्के पीले कलर का अंडा देती है | दो चक्रों के बीच के हिस्से को जब खोला जाता है तो यह अंडा साफ़ - साफ़ दिखाई देता है| चक्र बनाने के कारण चक्रों से ऊपर वाले पौधे का भाग मुरझाकर सुख जाता है, जो कि चक्र भृंग होने का सूचक हैं |

कुछ दिनों के बाद अण्डे में से इल्ली बाहर निकलकर पौधे के अंदर के भाग को खा कर उसे खोकला कर देती है | जिसके परिणाम स्वरुप सोयाबीन की फलियों की संख्या एवं पैदावार में विपरीत प्रभाव पड़ता है |

पूरी तरह विकसित इल्ली सोयाबीन के पौधे को अन्दर से काट कर गिरा देती है , जिससे। पौधे के उस भाग में लगी फलियों से किसान वंचित रह जाते हैं |

मिट्टी से लगे हुए भाग में से इल्ली पुनः अपने शरीर की बराबर लम्बाई का एक टुकड़ा काट कर उसमे पड़ी रहती है| अनुसंधान से ज्ञात हुआ है कि जून तथा जुलाई में दिए गए अंडे से निकली इल्ली उसी खरीफ मौसम में शंखी में बदल अथवा परिवर्तित हो जाती है |

कुछ ही दिनों बाद प्रौढ बाहर की तरफ़ निकल कर पुनः अपना जीवन चक्र शुरू कर देता है लेकिन सितम्बर तथा अक्टूबर महीने में दिए गए अंडो में से निकलने वाली इल्ली,पौधे के तने के खोल के अंदर ही सुषुप्तावस्था में चली जाती है, एवं अगले साल बारिश शुरू होने पर ही शंखी में परिवर्तित हो कर अपना जीवन चक्र को पूरा करती है |

इससे यह साफ़ होता है कि जुलाई में इसका प्रकोप होने से सोयाबीन की फसल को बहुत अधिक नुकसान होता है | ऐसा अनुमान है कि चक्र भृंग 1% फसल को काट कर गिरा देता है तो लगभग 5.5 KG सोयाबीन की उपज कम हो जाती है |

प्रबंधन -

बुआई का अंतर सही रखें तथा पौधों की संख्या मर्यादित करे। सोयाबीन के पौधों में कीट लगने के बाद पंद्रह दिनों में दो बार, चक्र के नीचे से प्रभावित पौधा या उसके भाग को निकाल दें ।

यदि फिर भी यह समस्या पौधों में बनी रहती है तो थायमेथॉक्झाम 12.6 % तथा लैम्ब्डा सायहॅलोथरीन 9.5 % झेड सी @ 80 ML/एकड़, क्लोरंट्रानिलिप्रोल 18.5 प्रतिशत एस सी @ 60 मिली प्रति एक एकड़, प्रोफेनोफोस 50 प्रतिशत ईसी @ 200 मिली प्रति एक एकड़ इस हिसाब से फसलों पर इसका छिड़काव करें ।

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