चने की दो नई क़िस्मों से अब होगा किसानों का फायदा ही फायदा !

/media/tips/images/new-gram-crop.jpg

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने कृषि इनोवेटिव के लिए एक महत्वपूर्ण प्रसार में काले चने की दो नई किस्मों को अपनी स्वीकृति दे दी है, इन दोनो क़िस्मों को पहली 'कोटा देसी चना 2' तथा दूसरी को 'कोटा देसी चना 3' के नाम से जाना जाता है। चने की ये किस्में कोटा के अधीन कृषि विश्वविद्यालय की एक इकाई कृषि अनुसंधान स्टेशन, उम्मेदगंज (राजस्थान) द्वारा किए गए एक दशक लंबे शोध के बाद सामने आयी हैं।

नई किस्मों, RKGM (आरकेजीएम) 20-1 तथा आरकेजीएम 20-2, जिनके बारे में पहले आईसीएआर(ICAR) 2021-22 के कृषि उपज डाटा के अलग -अलग परीक्षणों में सबसे अच्छी चेक किस्म से 5 प्रतिशत से अधिक कृषि उपज देने की सूचना दी गई थी। इससे चने की खेती में क्रांति आने की उम्मीद की जा रही है। यह 126-132 दिनों की समान परिपक्वता समयाअवधि के अंदर उनकी उपज में सुधार हुआ। ये विशेष रूप से अच्छी वर्षा और सिंचाई वाले इलाक़ों के लिए अनुकूलित हैं, जो भारत के अलग -अलग राज्यों में चने की फसल की उत्पादकता को बढ़ाने में आशानुकूल है।

'कोटा देसी चना 2' तथा 'कोटा देसी चना 3' चने की ये किस्में हाज़िर चने की फसलों की तुलना में उच्च रोग-प्रतिरोधक क्षमता तथा उच्च उपज के अनुपात की पुष्टि करती हैं।

'कोटा देसी चना 2' की कृषि उपज प्रभावशाली 20.72 क्विंटल प्रति एक हेक्टेयर है, जो की हाल में व्यापक रूप से खेती की जाने वाली क़िस्म पूसा चना 4005 की औसत उपज 16-17 क्विंटल से अधिक है। चने की इस किस्म की विशेषता मध्यम-लंबे, अर्ध-खड़े प्रकाश पैदा करने वाले पौधे हैं। 18.77 प्रतिशत तक प्रोटीन सामग्री वाले भूरे बीज।

इसी बीच, 'कोटा देसी चना 3' भी पीछे नहीं है, इसकी औसत कृषि उपज 15.57 क्विंटल प्रति एक हेक्टेयर है। फसल की संरचना मशीनरी कटाई के लिए श्रेष्ठ है, और यह 20.25 प्रतिशत की प्रोटीन सामग्री के साथ सामने आती है।

ICAR की स्वीकृति के पश्चात, चने की इन किस्मों का शुरुआती प्रदर्शन शुरू होने वाला है, इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय किसानों के मध्य वितरण के लिए बीज तैयार करना है। यह कदम 'बीजों की प्रोग्रामिंग' का एक हिस्सा है, जो जनेटिक संशोधन या पारंपरिक प्रजनन के माध्यम से विलक्षण कृषि स्थितियों के लिए बीज के गुणों को ओर बढ़ाने की एक विधि है।

Analyze Mandi Bhav

Today Mandi Bhav

View More Agriculture Tips

भारत में फसलों के भाव कैसे तय किये जाते है ?

2.93 K

7 minutes ago

मिर्च की फसल में रस चूसक कीटों का नियंत्रण!

4.68 K

20 minutes ago

मिर्च की फसल में फूलों की संख्या कैसे बढ़ाएं!

5.31 K

32 minutes ago

आधुनिक खेती , मॉडर्न फार्मिंग

1.95 K

36 minutes ago

पुराने समय ओर आज के समय मे खेती करने मे कितना बदलाव आया है ?

2.96 K

41 minutes ago

चिपचिपे जाल को फ़सल के चारों ओर लगाने से फायदे!

6.21 K

an hour ago

लौकी की फसल में रस चूसक का प्रकोप!

4.6 K

an hour ago

कसुरी मेथी क्या है, स्वास्थ्य के लिए इसका उपयोग

27.31 K

2 hours ago

चने की दो नई क़िस्मों से अब होगा किसानों का फायदा ही फायदा !

16.81 K

2 hours ago

अमेरिका की तर्ज पर खेती केसे करे ?

2.24 K

2 hours ago

क्या खेती मे ड्रोन का उपयोज लाभकारी है ?

1.79 K

3 hours ago

फूलगोभी की फसल की वृद्धि और विकास के लिए!

9.96 K

3 hours ago

प्याज के कन्दों के विकास के लिए महत्वपूर्ण सलाह!

20.67 K

3 hours ago

सोयाबीन में इल्ली का संक्रमण !

4.16 K

4 hours ago

प्याज की फसल में बैंगनी धब्बा रोग का नियंत्रण!

4.91 K

5 hours ago

पॉलीहाउस या ग्रीनहाउस क्या होता ? क्या इसकी खेती करना आसन होता है?

1.36 K

5 hours ago

सोयाबीन फलियों की उचित वृद्धि के लिए!

5.55 K

5 hours ago

अमरूद ( जामफल ) में फल मक्खी का नियंत्रण

4.43 K

6 hours ago

अब एक दिन में बेच सकेंगे किसान उड़द और मूंग !

3.17 K

6 hours ago

धनिया की फसल को पाले से केसे बचाएं!

11.82 K

6 hours ago

बेकार पड़ी प्लास्टिक की बोतल में उगाए हरी प्याज!

12.05 K

6 hours ago

मिट्टी गुणवत्ता परीक्षण के फ़ायदे

1.18 K

6 hours ago

अमेरिका मे फसल केसे बेची जाती है ?

2.79 K

7 hours ago

मुझे अपना कपास कब बोना चाहिए ताकी जब यह तैयार हो जाए तो सबसे अच्छी कीमत मिले?

1.42 K

7 hours ago

जामफल के बग़ीचे में खरपतवार की रोकथाम केसे करें

4.47 K

8 hours ago

भिंडी की फसल की बढ़वार व अच्छे विकास के लिए पोषक तत्व

6.54 K

9 hours ago

प्याज में उर्वरक प्रबंधन

5.61 K

9 hours ago

मैं प्राकृतिक तरीकों का उपयोग करके मिट्टी की स्थिति कैसे सुधार सकता हूँ?

1.67 K

11 hours ago

दूध उत्पादन हेतु अजोला चारा

5.86 K

12 hours ago

क्या लहसुन का भाव ओर बड़ सकता है ?

3.5 K

12 hours ago