आज के जलवायु परिवर्तन (Climate change) के समय में सब्जियां तथा फलों की खेती करना किसानों के लिये बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम होता जा रहा है। मौसम का किसी भी समय बदलना, कीड़े तथा अनेक प्रकार की बीमारियां आदि फसलों को प्रभावित कर उनकी क्वालिटी को ख़राब कर रहे हैं। अगर अच्छी क्वालिटी की फसलें खेतों में उगती भी है, तो उनकी बिक्री तथा भंडारण समय पर नहीं हो पाता है, जिससे फसल में सड़न लगने लगती है। अगर हरी फ़सलो की बात करें तो हरी प्याज की खेती में खासकर कीड़े लगने का खतरा सबसे ज़्यादा बना रहता है। इसी स्थिति में अगर आप चाहें तो अपने घर पर ही बिना किसी अन्य खर्च में ताजा तथा सेहतमंद प्याज को उगा सकते हैं।
आवश्यक वस्तुयें :-
अपने घर पर ही हरी प्याज को उगाने के लिये हमें कुछ वस्तुओं की जरूरत होती है, जैसे की हरे प्याज की कटिंग यानी उसकी जड़, पाँच लीटर वाली प्लास्टिक की बोतल, पानी, मिट्टी, गोबर से बनी नेचुरल खाद तथा रस्सी आदि की हमें ज़रूरत पड़ेगी।
प्याज उगाने की पूरी प्रक्रिया:-
सबसे पहले 5 लीटर की प्लास्टिक की बोतल को लेकर उसका ऊपरी भाग केंची या आरी की सहायता से काटकर उसे अलग कर दें। इसके पश्चात हर तीन इंच पर बोतल के चारों तरफ़ छोटे-छोटे छिद्र बना ले, जिससे हरी प्याज की जड़े को इसमें सेट किया जा सके। अब इसके बाद बोतल में 50 फीसदी तक वर्मी कंपोस्ट (केंचओं से बनी खाद) तथा 50 फीसदी कोकोपीट इसमें मिलाकर इसे भर दें, इससे पौधे लगाने पर उनका अच्छा विकास हो सकेगा।
अब सब्ज़ी का पॉट तैयार हो जाने पर इसके अंदर हरी प्याज की जड़ों को सैट कर दें तथा पौधों में हल्का पानी स्प्रे बोतल की मदद से डाले। इस तरह से हरे प्याज का पौधा तैयार होगा, जिसके पश्चात हर कुछ-कुछ दिनों में पौधों की कटिंग कर कई बार हरी प्याज का उत्पादन ले सकते हैं।
इस प्रकार करें पौधो की देखभाल:-
केवल हरी प्याज के पौधे लगाने भर से पूरा काम खत्म नहीं हो जाता, अपितु इसकी समय-समय पर देखभाल की भी आवश्यकता पड़ती है। ऐसे समय में हरी प्याज की बढ़िया उपज प्राप्त करने के लिये पॉट में मिट्टी, फ़ॉस्फ़ोरस, पोटाश, नाइट्रोजन तथा गोबर से बनी खाद को अवश्य इसमें मिलायें।
फ़सल में किसी भी प्रकार के कीटनाशक या दवा या कैमिकल का प्रयोग ना करें, इससे इनके स्वास्थ्य पर ख़राब असर पड़ सकता है।
पौधे में फफूंद या कीड़ा रोग लगने पर नमी के तेल को पानी में मिलाकर पौधों पर इसका स्प्रे करें।अगर आप चाहें तो तुलसी या मिंट के तेल का भी इस पर स्प्रे कर सकते हैं।
अब हरी प्याज के पॉट को सीधी धूप दिखायें, जिससे आप प्याज के पौधों से हर लगभग 20 से 25 दिनों के अंदर ही उत्पादन ले सकते हैं। प्याज़ के पौधे की लंबाई तीन सेमी. होने पर लगभग हर 4 महीने में पौधों की कटिंग कर दें तथा कटिंग के पश्चात 20 दिन में अंकुरण की भी जांच करते रहें।
अगर प्याज़ के पौधों की जड़ो या बीज से नये पौधे नहीं निकल रहे हैं, तो उन पुरानी जड़ों को पॉट से बाहर निकाल कर उनकी जगह नई जड़ो को भी इसमें लगा सकते हैं।
अपनी सुविधा के लिये बोतल को जमीन पर रखने के बजाय उन्हें ऊँचाई पर खूँटी बनकर उन पर भी टांग सकते हैं।
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